कटौती उस राशि को कहा जाता है जिसे बीमा कंपनी द्वारा एक दावे के बचे हुए खर्चों को कवर करने से पहले पॉलिसीधारक को अपनी जेब से चुकाना आवश्यक है. यह बीमा जगत का एक फंडामेंटल शब्द है जिसका प्रचलन अलग अलग प्रकार के बीमा के लिए है, जैसे कि स्वास्थ्य, मोटर, और घर का बीमा. भारत में बीमा से जुड़े मामलों की चर्चा करते समय भारतीय संदर्भ में लागू होने वाले विशेष गाइडलाइन्स, रेग्युलेशन, और बाजार की नियमित प्रक्रिया पर विचार करना आवश्यक है.
इसे बेहतर समझने के लिए आप एक कटौती को अपने और बीमा कंपनी के बीच आर्थिक जिम्मेदारी बांटने का एक तरीका मान लीजिये. यह एक पूर्वनिर्धारित राशि है जिसे आप एक दावा दर्ज करते समय चुकता करने के लिए सहमत होते हैं. इसके बाद बीमा कंपनी पॉलिसी सीमा तक बाकी खर्चों की कवरेज प्रदान करती है. कटौती का उद्देश्य छोटे या व्यर्थ दावों को रोकने की कोशिश करना है क्योंकि इससे सभी के लिए सामान्य बीमा प्रीमियम को कम बनाए रखने में मदद मिलती है.
कटौती के प्रकार
भारतीय बीमा पॉलिसी में कटौती दो प्रकार की हो सकती है:
कंपल्सरी कटौती: कंपल्सरी कटौती एक फिक्स्ड राशि है जो भारतीय बीमा नियामक और विकास प्राधिकृति
(IRDAI) द्वारा निश्चित की जाती है. पॉलिसीधारक की पॉलिसी प्रकार या कवरेज जो भी हो उन्हें इस राशि को दावे के मौके पर चुकता करना अनिवार्य होता है. उदाहरण के लिए, मोटर बीमा में निजी कार, जिनकी इंजन क्षमता 1500 सीसी से कम है, उनके लिए अनिवार्य कटौती 1,000 रुपये है, परन्तु जिनकी इंजन क्षमता 1500 सीसी से अधिक है उनके लिए यह 2,000 रुपये है.
वॉलंटरी कटौती: वॉलंटरी कटौती अपनी इच्छा से कटवाई जाने वाली एक राशि है जो बीमा धारक ने कंपल्सरी कटौती के साथ में चुनी है. ज़्यादा वॉलंटरी कटौती का चुनाव करने से प्रीमियम राशि कम हो सकती है क्योंकि यह दर्शाता है कि पॉलिसीधारक दावे के खर्चों का अधिकांश महत्वपूर्ण भाग उठाने को तैयार है. हालांकि ध्यान रखें कि ज़्यादा वोलंटरी कटौती का चुनाव करने का अर्थ है कि आपको दावे के मौके पर अधिक राशि खुद की जेब से चुकता करनी होगी. इसलिए लाभ और जोखिमों को ध्यानपूर्वक तौल के फैसला करें.
सही कटौती को कैसे चुने?
अपनी बीमा पॉलिसी के लिए सही कटौती का चुनाव करने का निर्णय लेते समय अनेक फैक्टर्स को ध्यान में रखना महत्वपूर्ण है:
सामर्थ्य: एक ऐसी कटौती का चुनाव करें जिसके दावे का भुगतान आप अपनी सामर्थ्य से आराम से कर सकते हैं. याद रखें कि ज़्यादा कटौती का परिणाम कम प्रीमियम हो सकता है लेकिन दावा दर्ज करते समय आपको जेब से अधिक खर्च करना पड़ता है.
रिस्क टॉलरेंस: कटौती का चुनाव करने से पहले अपनी रिस्क टॉलरेंस का मूल्यांकन करें. यदि आप रिस्क लेने के ज़्यादा विरोधी हैं तो आपको एक कम कटौती पसंद हो सकती है भले ही इसका मतलब है कि आपको थोड़ा अधिक प्रीमियम देना होगा. इसके विपरीत यदि आप अधिक जोखिम उठाने के इच्छुक हैं और आप जेब से एक ऊंचा भुगतान देने की सामर्थ्य रखते हैं तो आप प्रीमियम की बचत के लिए ज़्यादा कटौती चुन सकते हैं.
दावा दायर करने का इतिहास: कटौती का चुनाव करते समय अपने दावा दायर करने के इतिहास पर विचार करें. यदि आपने अतीत में कभी कभार ही दावे दर्ज किए हैं तो आप कम प्रीमियम का लाभ उठाने के लिए ज़्यादा कटौती चुन सकते हैं. परन्तु यदि आपका इतिहास बार-बार दावे दायर करने का है तो आपके कुल खर्च को कम करने के लिए एक कम कटौती बेहतर चुनाव हो सकता है.
भारत में एक बीमा पॉलिसी खरीदते समय कटौती को समझना महत्वपूर्ण है. एक कटौती एक दावे में पॉलिसीधारक की आर्थिक जिम्मेदारी का हिस्सा है. यह सस्ते प्रीमियम और जेब से दिए जाने वाले खर्चों के बीच संतुलन स्थापित करने में मदद करती है. सामर्थ्य, रिस्क टॉलरेंस, और दावा दायर करने के इतिहास जैसे फैक्टर्स को ध्यान में रखकर आप अपनी आवश्यकताओं और बजट के साथ मेल खाती ऐसी कटौती चुन सकते हैं जिससे आपको सबसे बेहतर बीमा कवरेज मिल सकती है.
ABSLI सेलेरीड टर्म प्लान (UIN: 109N141V01) एक नॉन लिंक्ड नॉन पार्टिसिपेटिंग व्यक्तिगत स्पष्ट जोखिम प्रीमियम वाली जीवन बीमा योजना है; बीमित व्यक्ति के द्वारा प्लान ऑप्शन 2 का चुनाव करने पर (ROP के साथ जीवन कवच) यह उत्पाद एक नॉन लिंक्ड नॉन पार्टिसिपेटिंग व्यक्तिगत बचत जीवन बीमा योजना बन जायेगा.
1LI आयु 21, पुरुष, धूम्रपान ना करने वाला, विकल्प 1: जीवन कवच, PPT: नियमित वेतन, SA: ₹ 1 करोड़, PT: 10 वर्ष, प्रीमियम अदा करने कि अवधि: 10 वर्ष, वार्षिक प्रीमियम: ₹ 5900/- (बनता है ₹ 491.66/प्रति माह) प्रीमियम में GST शामिल नहीं है. मृत्यु होने की सूरत में 1 करोड़ SA प्रदान किया जाता है और पॉलिसी समाप्त कर दी जाती है.
ADV/5/23-24/333